Flash Story
सीएम धामी ने गृह मंत्री को भेंट की मुनस्यारी शॉल 
सीएम धामी ने गृह मंत्री को भेंट की मुनस्यारी शॉल 
ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने ₹37 करोड़ की लागत के विभिन्न मोटर मार्गो का किया शिलान्यास 
ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने ₹37 करोड़ की लागत के विभिन्न मोटर मार्गो का किया शिलान्यास 
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी- ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आखिरी के दोनों मुकाबले नहीं खेलेंगे मोहम्मद शमी
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी- ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आखिरी के दोनों मुकाबले नहीं खेलेंगे मोहम्मद शमी
मिड-डे मील में छात्रों को परोसी जायेगी ईट राइट थाली
मिड-डे मील में छात्रों को परोसी जायेगी ईट राइट थाली
नाबालिग के साथ बर्बरता की हदें पार, बर्थ-डे पार्टी में बुलाकर नग्न कर पीटा, फिर चटवाया थूक
नाबालिग के साथ बर्बरता की हदें पार, बर्थ-डे पार्टी में बुलाकर नग्न कर पीटा, फिर चटवाया थूक
अरविंद केजरीवाल ने की एक और चुनावी घोषणा, दिल्ली में 24 घंटे मिलेगा साफ पानी
अरविंद केजरीवाल ने की एक और चुनावी घोषणा, दिल्ली में 24 घंटे मिलेगा साफ पानी
महेश बाबू की फिल्म एसएसएमबी 29 पर आया बड़ा अपडेट, जनवरी में शुरु होगी शूटिंग
महेश बाबू की फिल्म एसएसएमबी 29 पर आया बड़ा अपडेट, जनवरी में शुरु होगी शूटिंग
नगर निकाय चुनाव में दम आजमाने वाले नेताओं को अब देना होगा अपना आपराधिक ब्योरा
नगर निकाय चुनाव में दम आजमाने वाले नेताओं को अब देना होगा अपना आपराधिक ब्योरा
26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के मौके पर दिए जाएंगे ‘प्रधानमंत्री बाल पुरस्कार’ 
26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के मौके पर दिए जाएंगे ‘प्रधानमंत्री बाल पुरस्कार’ 

धार्मिक स्थलों या तीर्थस्थलों के संबंध में कोई नया मुकदमा दर्ज नहीं किया जायेगा- सुप्रीम कोर्ट

धार्मिक स्थलों या तीर्थस्थलों के संबंध में कोई नया मुकदमा दर्ज नहीं किया जायेगा- सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली।  सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को निर्देश दिया कि धार्मिक स्थलों या तीर्थस्थलों के संबंध में कोई नया मुकदमा दर्ज नहीं किया जा सकता है या जिला अदालतों द्वारा सर्वेक्षण का आदेश तब तक नहीं दिया जा सकता है जब तक कि उपासना स्थल अधिनियम, 1991 की वैधता से संबंधित मामला उसके समक्ष लंबित है। भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा, “जब मामला इस अदालत के समक्ष विचाराधीन है तो क्या अन्य लोगों के लिए इस पर अपना हाथ नहीं डालना उचित नहीं होगा।” शीर्ष अदालत ने कहा कि हालांकि नए मुकदमे दायर किए जा सकते हैं लेकिन उन्हें पंजीकृत नहीं किया जाएगा और जिला अदालतों द्वारा कोई प्रभावी आदेश पारित नहीं किया जाएगा।

साथ ही शीर्ष अदालत ने 1991 के कानून की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर जवाब दाखिल करने के लिए केंद्र सरकार को चार सप्ताह का और समय दिया। याचिकाओं के एक समूह पर विचार करते हुए अदालत ने यह भी कहा कि कानून के क्रियान्वयन की मांग करने वाली याचिका पर भी केंद्र द्वारा कोई जवाब दाखिल नहीं किया गया है। नवगठित पीठ ने नए मुकदमों पर विचार करने पर रोक लगाने के आदेश के विरोध को खारिज कर दिया। कानून की वैधता को चुनौती देने वालों की ओर से पेश वकीलों ने इस आदेश का विरोध किया था। पीठ ने कहा, “मुकदमे दायर किए जाने पर भी कोई कार्यवाही नहीं की जा सकती। जब मामला इस अदालत के समक्ष विचाराधीन है तो क्या दूसरों के लिए इस पर रोक लगाना उचित नहीं होगा। जब तक हम मामले की जांच नहीं कर लेते, तब तक कोई प्रभावी आदेश या सर्वेक्षण आदेश पारित नहीं किया जा सकता।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top